कैमूर:वैसे तो ये बरसात का मौसम नही है लेकिन कोरोना काल के इस महामारी वाले मौसम में सर्दी,बुखार,खांसी और एंटीबायोटिक की दवा तबियत खराब होने पर उपयोग में लाये जा रहे है। लेकिन उन दवाओं की कालाबाजारी भी अपने चरम पर है ऐसी ही कालाबाजारी की सूचना पर जिलाधिकारी कैमूर ने अधिकारियों की एक टीम बनाकर जिसमे अपर अनुमंडल पदाधिकारी मोहनिया को जांच करने के लिए दुर्गावती भेजा।
बहुत सारे दवा दुकानों पर एएसडीएम संजीत कुमार, ड्रग विभाग के कर्मी और स्थानीय थाना के सहयोग से कालाबाजारी कर रहे दुकानदारों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाया गया। जहाँ दवा दुकानदारों के द्वारा दवा तो उचित मूल्य पर बेचा जा रहा था। लेकिन दुकानदार के पास दवा बिक्री से संबंधित किसी प्रकार का कागजात नहीं पाया गया ।
दवा दुकानदार के द्वारा जिन दवा का उचित कागजात नहीं दिखाया गया,उस दवा को जाँच टीम के द्वारा जब्त कर लिया गया। जाँच के दौरान ऐसी कई दुकानें मिली जहाँ कुछ एक्सपायरी दवाई भी मिला। उस एक्सपायर दवा को भी टीम के द्वारा जप्त कर लिया गया । कैमूर जिला अधिकारी नवदीप शुक्ला को ये सूचना मिली थी की डेली उपयोग में आने वाली दवाएं जैसे कि, पेरासिटामोल,अजिथ्रोमायसीन सहित कई दवाएं डेढ़ गुना से 2 गुना ज्यादा मूल्य पर ग्राहकों को दवा दुकानदारो के द्वारा बेचा जा रहा है।
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जिलाधिकारी श्री शुक्ला ने अनुमंडल पदाधिकारी और ड्रग विभाग के साथ एक जाँच टीम का गठन किया,जिसे मोहानिया अनुमंडल के सभी दुकानों को जाँच का आदेश दिया, उसी क्रम में दुर्गावती पहुंचकर अपर अनुमंडल पदाधिकारी दवा की दुकानों पर स्वयं ही ग्राहक बनकर जाते है और उनसे रोज उपयोग होने वाली दवाइयों की मांग करते और उसका दाम पूछते है । इतना कोसिस के बाद भी जब प्रिंट से अधिक मूल्य का मामला नहीं मिला तो अधिकारियों के द्वारा दवा दुकानों के बिक्री की जांच की जाने लगी। जिसमें दवाओं के बिक्री से संबंधित दुकानों में कैश मेमो और दवाई इत्यादि की जांच की गयी।
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इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए सहायक औषधि नियंत्रक कैमूर श्री चंद्रशेखर यादव ने बताया की जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के आदेश के अनुसार आज हम लोगों ने दवा दुकानों का निरीक्षण किया। श्री यादव ने कहा कि जाँच के दौरान कुछ एक्सपायर दवाएं पाई गई है ,कुछ ऐसी औषधियां है जिनका कागजात नहीं दिखाया गया है।जिनके पास दवा का कागजात तत्काल में नही था उनको 20 दिन समय दिया गया है यदि इतने समय सीमा के अंदर उक्त दुकानदार उस दवा का कागजात दिखा देते हैं तो पूरी दवा छोड़ दिया जाएगा। और यदि कागजात नही मिलते है तो दवा को जप्त कर लिया जाएगा तथा उस लाइसेंसी प्रतिष्ठान पर एक्टिव एक्शन लिया जाएगा ।और उस दुकानदार को शो काउज नोटिस जारी किया जाएगा । संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सस्पेंशन के लिए कार्यवाही किया जाएगा। कैश मेमो जो कुछ गड़बड़ी थी उसका जांच किया जा रहा है। उपरोक्त जांच के बाद स्पष्टीकरण किया जाएगा , स्पष्टीकरण आने के बाद यह साफ होगा कि इनके ऊपर किस तरह की कार्रवाई किया जाएगा ।
कैमूर से एक संवाददाता की रिपोर्ट
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