पटना, 03 मई 2025: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के निजी डिग्री कॉलेजों में कार्यरत हजारों शिक्षकों को ऐतिहासिक राहत प्रदान करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि 19 अप्रैल 2007 से पहले नियुक्त सभी योग्य शिक्षकों को UGC वेतनमान, पेंशन और अन्य सेवा लाभ प्रदान किए जाएं।
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फैसले के मुख्य बिंदु:
✔ 19 अप्रैल 2007 से पहले की नियुक्तियाँ कवर
✔ डिफिसिट ग्रांट और परफॉर्मेंस ग्रांट दोनों प्रकार के कॉलेजों पर लागू
✔ 3 महीने के भीतर आदेश लागू करने का निर्देश
✔ सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी UGC पेंशन का लाभ
✔ समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत की पुष्टि
कोर्ट ने क्यों दिया यह फैसला?
राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि 2015 के संशोधन का लाभ केवल परफॉर्मेंस ग्रांट कॉलेजों को मिले
कोर्ट ने इस भेदभाव को असंवैधानिक करार दिया
कहा कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 57-A सभी पर समान रूप से लागू होती है
शिक्षकों की प्रतिक्रिया:
प्रो. अरविंद सिंह, अध्यक्ष, बिहार कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन:
"यह शिक्षकों के वर्षों के संघर्ष का न्यायपूर्ण अंत है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस आदेश को तुरंत लागू किया जाए।"
आगे की कार्रवाई:
राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर आदेश लागू करना होगा
वित्त विभाग को अतिरिक्त बजट की व्यवस्था करनी होगी
कॉलेज प्रबंधन को पिछले वेतन का अंतर भरना होगा