आपको लूट रहे हैं स्कूल वाले,मोटी फ़ीस भरने के बाद भी स्कूल बसों में सुरक्षित नहीं है बच्चे | supreme court guidelines for school buses |
हर माँ बाप चाहते हैं की उसके प्यारे बच्चे सुरक्षित स्कूल जाएँ और सुरक्षित घर वापस आएं | उसी सुरक्षा के लिहाज से माता पिता स्कूल बस की सुविधा स्कूल से लेते हैं,उसके लिए विद्यालय प्रबंधन को मोटी रकम भी Transport Fee के रूप में दिया जाता है | लेकिन अक्सर यह खबरें आती हैं की वहीँ स्कूल बसें खतरनाक साबित हो जाती हैं | रोहतास जिला में भी स्कूल बस के नाम पर स्कूलों द्वारा दुसरे वाहन बच्चों के सवारी के लिए उपयोग किया जाता है | जिला में शायद ही कोई ऐसा विद्यालय है जो नियमानुसार बसों का संचालन करता है | यह सब जिला प्रशासन के जानकारी में होता है |
जनसागर न्यूज ने भी कई बार खबरें दिखाई है की बस का फी लेकर स्कूल वाले ऑटो-टेम्पो-मैजिक वाहन इत्यादि से छात्रों को ले जाने ले आने का काम करते हैं | इससे विद्यालय को बचत होती है लेकिन आपके बच्चों की जान खतरे में रहती है |अगर अकेले जिला मुख्यालय सासाराम में सभी प्राइवेट स्कूल बसों की जाँच की जाए तो 95% से अधिक बसें नियमानुसार नहीं होंगे |
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट का नियम (What are the Supreme Court Guidelines on School Bus)
- सभी स्कूल बस के आगे और पीछे बड़े अक्षरों में स्कूल बस/ School Bus लिखा होना चाहिए |
- अगर स्कूल ने भाड़े पर बस लिया है तो उसपर On School Duty लिखा होना चाहिए |
- बस में अनिवार्य रूप से प्राथमिक उपचार बॉक्स First Aid Box होना चाहिए |
- बसों के खिड़की पर ग्रिल लगे होने चाहिए |
- बस में अग्निशामक यंत्र Fire Extinguisher आवश्यक रूप से होना चाहिए |
- बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए |
- बसों के दरवाजे में लॉक होना अनिवार्य है |
- बच्चों के बैग रखने के लिए सीट के निचे पर्याप्त जगह अनिवार्य रूप से होना चाहिए |
- बस में विद्यालय के तरफ से एक स्टाफ होगा,जो बच्चों को चढने उतरने में मदद करेगा |
- बस की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा (Maximum Speed 40 KPH) से अधिक नहीं होना चाहिए |
- स्कूल बस का रंग गाढ़ा पिला होगा तथा चारों तरफ चमकीला हरा रंग का पट्टी (Radium Strips) लगा होगा |
- अगर छात्रों की आयु 12 वर्ष से कम है,तो ऐसी स्थिति में बस के सीट से डेढ़ गुना से अधिक छात्रों को न बैठाने की बिलकुल मनाही है | मतलब अगर किसी बस में 26 सीट है तो उसमें 39 छात्र से ज्यादा नहीं बैठेंगे |
- अगर छात्रों की उम्र 12 वर्ष से अधिक है तो मात्र सीट भर ही छात्र बैठ सकेंगे |
- स्कूल बस के ड्राईवर के पास लाईसेंस होना आवश्यक है | ड्राईवर हल्का नीला रंग का शर्ट या टी शर्ट पहनेगा तथा उसका नाम उसके शर्ट पर लिखा होना चाहिए |
- मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों के सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए कुछ नए नियम भी जोड़े गए हैं | उपर के नियमों के साथ साथ इसे भी पालन करना अनिवार्य है |
- सभी बसों में CCTV कैमरा और GPS Device लगा होना चाहिए | CCTV कैमरा का विडियो कम से कम 60 दिनों तक सुरक्षित विद्यालय प्रबंधन द्वारा रखा होना चाहिए | सीबीएसई द्वारा बसों में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है |
