बीते 3 अप्रैल को बिहार सरकार के नए फरमान जिसमे 11अप्रैल तक स्कूल और कॉलेज बन्द रखने के आदेश दिए गए थे ,उसी आदेश को लेकर भड़के हुए थे छात्र ।छात्रों का कहना था की क्या कोरोना सिर्फ स्कूल कॉलेज और कोचिंग में ही है ? क्या चुनाव के समय मे कोरोना नही था ,या बंगाल में अभी जो बड़ी बड़ी जनसभाएं हो रही है उससे कोरोना नही फैल रहा है ।
क्या था पूरा मामला ?
आज सुबह सुबह सरकारी आदेश के बावजूद भी छात्र गौरक्षणी के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए आये थे ,तभी पुलिस क्लास बन्द कराने पहुँची और छात्र और पुलिस के बीच उपरोक्त बातों को लेकर बहस शुरू हो गई ।नगर थाना के अधिकारियों ने हल्का बल प्रयोग कर संस्थान बन्द कराने की कवायद शुरू किया और उसी के विरोध में छात्र हजारों के संख्या में एकजुट हो गए ,और तब शुरू हुआ पुलिस और छात्रों के बीच मुठभेड़ । जैसे तैसे पुलिस वाले वहाँ से निकले ही थे कि उग्र छात्र सड़को पर प्रदर्शन करने लगे ,सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। जिला प्रशासन ने एक बार फिर बल प्रयोग करने की कोशिश की ,और एक बार फिर से शुरू हो गया छात्रों का उग्र प्रदर्शन जो समय के साथ दंगा में तब्दील हो गया । दोनो तरफ से पत्थर बाजी शुरू हुई और देखते देखते शुरू हो गया तांडव । जवाबी कार्यवाई में जिला प्रशासन ने SP और जिलाधिकारी (DM)के नेतृत्व में आँशु गैस के गोले भी दागे कई राउंड हवाई फायरिंग भी किये । दर्जनों छात्रों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया ।मौके पर पहुँचे जिलाधिकारी ने कहा जितने भी लोग इस हुड़दंड मे शामिल हुए है सबको वीडियो फुटेज के माध्यम से चिन्हित कर आगे की कार्यवाई की जाएगी ।जिलाधिकारी ने ये भी कहा की शामिल सभी दंगाई छात्रों का कैरियर खराब कर देंगे ,सबका कैरेक्टर प्रमाण पत्र खराब कर देंगे ,जिससे आगे चलकर वो छात्र कही भी सरकारी नौकरी के लायक नहीं होंगे । हालांकि दोपहर के बाद स्थिति कुछ काबू में हुई और जनजीवन सामान्य हो गई । लेकिन अभी भी पुलिस की कुछ टुकड़ियां अभी भी बाजारों में तैनात है ।किसको हुआ घाटा
जैसे जैसे 12बजा पूरा शहर छावनी मे तब्दील हो गया BMP की कई कंपनियां भी तैनात की गई ।लेकिन सबसे ज्यादा अगर कोई घाटा में रहा तो वो रहा सड़को पर रेड़ी पटरी लगाने वाले व्यापारी ,बाजार करने के लिए जिले भर से आये सैकड़ो ग्रामीण ।क्योंकि पुलिस और छात्रों के बीच इस जंग में पूरा बाजार प्रभावित रहा ।