कोविड-19 से निपटने के लिए विश्व के 60 देशों में स्पुतनिक-वी को मंजूरी दी गई है, जिसका सरकारी नियामकों द्वारा जारी किए गए अनुमोदन की संख्या के संदर्भ में विश्व स्तर पर कोविड-19 टीकों में दूसरा स्थान है।दवा बनाने वाली हैदराबाद की प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने बताया कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से इमरजेंसी में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक V वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिल गई है।
Covisheild और Covaxin के बाद, मॉस्को के गेमाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा निर्मित स्पुतनिक-वी, अब भारत में इमरजेंसी उपयोग के लिए अनुमती प्राप्त करने वाली तीसरी कोविड-19 वैक्सीन है। दिशानिर्देशों के अनुसार, वैक्सीन को इसके लिक्विड रूप में माइनस 18 ०C तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए। हालांकि, इसे पारंपरिक रेफ्रिजरेटर में फ्रीज-ड्राइड रूप में 2-8 डिग्री सेल्सियस तामपान पर संग्रहित किया जा सकता है, जिससे इसे ले जाने ले आने और स्टोर करना आसान हो जाता है।हाल ही में द लांसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में स्पुतनिक-वी की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत निर्धारित की गई थी।ICMR से एन. के. अरोड़ा ने बात करते वक्त बताया कि पहली डोज की संरचना दूसरी डोज से अलग होगी और दोनों खुराक के बीच कम से कम 21 दिन का अंतर होना चाहिए।