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Friday, May 6, 2022

काव नदी सुखने से जंगली जानवरों की बढ़ी परेशानी: Rajpur News

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काव नदी 


राजपुर रोहतास:क्षेत्र अंतर्गत धरती का तापमान दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.अंधाधुध बढ़ता मानव आबादी आग में घी की तरह काम कर रही है.जल के अभाव में जीवन का संकट दिनों दिन बढता चला जा रहा है.जिस कारण क्षेत्र अन्तर्गत काव नदी,नाले व अन्य सरोवर सब कुछ सुख चुके हैं.परिणाम स्वरूप जंगली जानवरों की परेशानी बढ़ गई है.
 पानी के अभाव में नीलगाय,हिरण व जंगली सूअर समेत अन्य वन्य प्राणी अथवा पशु पक्षी भटकते हुए नजर आने लगे हैं.

क्या कहते हैं लोग?


क्षेत्र अंतर्गत प्रवाहित काव नदी को आज से तीस साल पूर्व जिन्होंने देखा था.राजपुर निवासी डॉ रमाकांत दुबे,पकड़ी निवासी सूर्यदेव साधु,दयाशंकर दुबे सियासरन दुबे,रामोडिह के ललन राय,सुअरा के बुचुन जी,कुशधर के उमेश चौधरी,श्रीकान्त चौधरी समेत अन्य लोगों ने बताया कि नदी में सालों दिन जल की धारा प्रवाहित होती रहती थी.जाडा,गर्मी व बरसात अपने समय के प्रभाव वश नदी को प्रभावित करते रहते थे.लेकिन पानी कभी भी सुखता नहीं था.लगभग एक से दो फूट का जलस्तर नदी में मई व जून के महीने में भी प्रवाहित होता रहता था.


कहतीं हैं प्रखण्ड प्रमुख


पहले जनसंख्या कम था.लोगों का जीवन काफी हद तक प्रकृति पर निर्भर करता था.लेकिन अब क्षेत्र अन्तर्गत बढ़ते मानव जीवन व उसके रफ्तार ने स्थिति को काफी बदल दिया है.काव नदी,सरोवर व ताल-तलैया सब कुछ मार्च महीने में हीं सूखने के कगार पर पहुंच जा रहे हैं.अप्रैल का महीना शुरू होते हीं काव नदी में अब पानी का एक-एक बूंद सुख जा रहा है.


कहते हैं पदाधिकारी


प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि नदियों में जल स्तर पर्वत और पहाड़ से मिलने वाले पानी के कारण पहले बना रहता था.जो अब मानव की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण नदियों के जल को कृत्रिम संसाधनों का उपयोग कर अपने निहित स्वार्थों के उपयोग हेतु निकाल लिये जा रहे हैं.चाहे वह पहाड़ का इलाका हो अथवा मैदान का.सभी जगहों पर जल की खपत बढ़ गई है.

--राजपुर से रजनीकांत तिवारी की रिपोर्ट 

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