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Sunday, June 27, 2021

जानिए शुरुआती बरसात में ही कैसे "नरक निगम" बन गया सासाराम: Jansagar News

Nagar Nigam Sasaram Failed In Raining

बरसात में ही कैसे "नरक निगम" बन गया सासाराम

(Nagar Parishad Sasaram Upgraded to Nagar Nigam Sasaram/Sasaram News/Sasaram shutdown in Heavy Rains)

जी,हाँ चौकिए मत! नगर निगम सासाराम अब नरक निगम सासाराम बन गया है।ऐसा हम नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर शहर के युवाओं का कहना है।आईये अब जानते हैं इस नए नाम के पीछे की कहानी।


दरअसल मॉनसून के दस्तक देने के बाद ही सासाराम में झमाझम बारिश शुरू हुई।लोगों को गर्मी से निजात मिली,मौसम का आनंद लेने सासाराम के युवा और व्यवसाई सब अपने अपने मित्र मंडली के साथ पहाड़ की ओर रुख करने लगे।

ईधर दो दिनों के बरसात के बाद शहर के नब्बे प्रतिशत नालों,गलियों और मुख्य सड़कों की पोल खुलने लगी।लोग बाज़ार जाने से परहेज़ करने लगे,महिलाएं घरों से निकलना बंद कर दी,बच्चों का खेलना कूदना बंद,यहां तक कि सब्जी दूध के लिए भी बाहर जाने से परहेज़ किया जाने लगा।


सासाराम के सभी मुख्य मार्गों पर जलजमाव हो गया,नालियां ओवरफ्लो होकर बहने लगीं, धर्मशाला रोड, चौखंडी,गौरक्षिणी समेत तमाम इलाकें नालियों के पानी मे गोता लगा रहे हैं।

जलजमाव ने भगवान को भी नहीं बख्शा, धर्मशाला रोड स्थित मंदिर में नाली का पानी लगभग डेढ़ फीट तक भर गया।इनसब कुव्यवस्था के बीच नगर परिषद से नगर निगम बने सासाराम नगर निकाय के अफ़सर और कर्मचारी कुम्भकरणी निद्रा में सो रहे हैं।


वार्ड 10 का है बुरा हाल,घर से निकलना मुहाल


पुरानी जीटी रोड के उत्तर दिशा में फजलगंज गैस एजेंसी से लेकर गीता घाट कालोनी तक वार्ड संख्या दस का क्षेत्र आता है।इस वार्ड के पार्षद भी उसी वार्ड में रहते हैं, पार्षद के गली में भी जलजमाव है।इसी वार्ड के नजदीक में निगम के मुख्य पार्षद(चैयरमैन) का भी आवास है।लेकिन इस वार्ड की स्थित दयनीय है।गैस एजेंसी से लेकर रौज़ा इनलेट कैनाल के आखिरी छोर तक करीब एक किलोमीटर की दूरी में शायद ही 100 फ़ीट ऐसी जगह हो,जहां पक्की सड़क है चलने लायक।इस सड़क पर लगभग 200 परिवारों का आना जाना है।इसी सड़क के किनारे रौज़ा का इनलेट कैनाल भी बनाया गया है,जिसका मिट्टी अब बारिश में सड़कों पर कीचड़ बनकर पसरा हुआ है।
वार्ड दस के एक गली का हाल 



इसी वार्ड में रहने वाले लालबहादुर पांडेय बताते हैं कि बीते तीन वर्षों से इसी नरक में हमलोग आते जाते हैं।जबसे इनलेट कैनाल बना तबसे स्थिति और बदतर हो गयी है,पानी निकासी के लिए नगर निगम ने कोई नाला नहीं बनाया है।

इसी वार्ड के निवासी ललन दुबे के घर के पास लगभग सालों भर दो फीट नाली की पानी जमी रहती है।इससे तरह तरह के बीमारी फैलते हैं,लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

धर्मशाला रोड के दुकानों में घुसा पानी


कल के बरसात के बाद शाम होते ही धर्मशाला रोड के करीब 5 दर्जन दुकानों में पानी घुस गया।आनन फानन में दुकानदार पानी रोकने का प्रयास करते रहे लेकिन निराशा हाथ लगी।कई दुकानों को नुकसान भी हुआ है।समय से पहले ही दुकानदार दुकानों को बंद कर,अफसरों और नेताओं को गरियाते हुए घरों की तरफ चले गए।



पुराने सासाराम के इलाकों जैसे गोला बाजार,जानी बाजार, शेरगंज,सिविल लाइन, कम्पनी सराय के इलाकों में भारी जलजमाव है।कई जगहों पर जल निकासी के बाद कीचड़ पसरा हुआ है।

रेलवे स्टेशन परिसर में भी लगभग एक फुट तक पानी भरा हुआ था।गाड़ियों के टायर पानी मे डूबे हुए थे।

सदर अस्पताल सासाराम में कई जगहों पर दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है तो कई जगह एक फ़ीट तक।इसी गंगोत्री से होकर बेबस मरीज ईलाज के लिए जा रहे हैं।

आखिर क्यों है सासाराम की ऐसी हालत?

शहर की यह नरकीय स्थिति सिर्फ साल दो साल के लापरवाही से नही हुआ है।बल्कि वर्षों से इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया गया है।सासाराम शहर के बड़े नालों का अस्सी प्रतिशत हिस्सा अतिक्रमण का शिकार है,जिससे इसकी सफाई नहीं हो पाती है।नगर निगम के कर्मचारियों की इतनी मजाल नहीं होती है कि अतिक्रमण हटा कर नालों की सफाई करा लें।अधिकांश नालों की औकात अब बौनी हो गयी है।वर्षों पूर्व बने होने के कारण उनकी निकास क्षमता कम है।शेष नालों की सफाई शहर में नगर निगम की जेसीबी को चमकाकर कागजों पर बहुत चतुराई से कर दिया जाता है।
चौखंडी पर मंदिर में घुसा पानी 


अधिकांश मुहल्लों में हर घर जल नल योजना के नाम पर पक्की गलियों को तोड़ दिया गया है।उन्हें दोबारा पक्का नहीं किया गया है।जिससे अब बरसात में कीचड़ हो गया है।

सासाराम के नरकीय दृश्य को यहां के नौजवान सोशल मीडिया पर शेयर कर के अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।कोई अंधेर नगरी चौपट राजा लिखता है तो कोई नरक निगम का नाम दे रहा है।

कुछ जानकार बताते हैं कि बरसात के पूर्व नालों की सफाई पर निगम पैसा तो खर्च करती है लेकिन बारिश में पोल खुल जाती है।निगम में वर्षों से कार्यपालक पदाधिकारी और पार्षदों के आपसी वर्चस्व और गुटबाजी के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।हालांकि निगम में हर वर्ष घोटाला होता रहा है,समय समय पर कई लोग जेल भी जाते रहे हैं लेकिन आम लोगों की सुविधाओं पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता है और न ही निगम के कार्यशैली पर।

आप अलग अलग तस्वीरों के माध्यम से सासाराम नगर निगम की खूबसूरती को निहार सकते हैं।अगर ज़मीर जिंदा है तो गर्व भी कर सकते हैं।

जनसागर न्यूज के लिए पी आर रमण की रिपोर्ट


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