तोरनी में सौ एकड़ जमीन बना तालाब
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पानी में डूबे खेत |
करगहर प्रखंड के तोरनी गाँव से अजीबो गरीब मामला सामने आया है.जहाँ एक दो लोगों के अतिक्रमण के कारण दर्जनों किसान के खेत तालाब में बदल गये हैं.इन किसानो के खेत में धान रोपनी शायद ही हो पाएगी.यह मामला करगहर के अंचलाधिकारी के संज्ञान में है,बावजूद इसके दो साल में अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है.
तोरनी गांव के पश्चिम में शिवनगरा मौजा में यह नाला अतिक्रमण है,जिसके वजह से दर्जन भर किसानो के खेत जलमग्न हो चुके हैं.खडारी-कुदरा पथ पर तोरनी गाँव पड़ता है,जहाँ प्रधान मंत्री ग्राम सडक योजना के मद से सडक का निर्माण हुआ.निर्माण के दौरान जहाँ पूर्व से सिचाई के लिए नाला उपलब्ध था,वहां सड़क में नाला भी डाल दिया गया.सड़क के दोनों तरफ खेत है लेकिन एक तरफ का नाला एक व्यक्ति द्वारा अतिक्रमित है.जिससे अब पानी निकासी नही होती है.परिणामतः अब दुसरे तरफ के किसानो के पानी निकासी बंद है.पूरा खेत जलमग्न है.
जनसागर न्यूज की टीम ने मौके का जायजा लिया.तस्वीरों और विडियो के माध्यम से आप डूबे खेतों को देख सकते हैं.किसान राकेश राय बताते हैं की इस मामले की शिकायत हम किसानों ने सीओ करगहर से किया था.एक वर्ष पूर्व सीओ ने दो बार स्थल का निरिक्षण भी किया था.उन्होंने दोनों बार हम किसानों को वायदा किया की फसल कटते ही नाले को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा . वर्ष बीत गया,वापस खेती का समय आ गया लेकिन आजतक नाला से अतिक्रमण नहीं हटा.अब हम किसानो के पास डूबे हुए खेत देखने के अलावे कोई विकल्प नही है.
एक दुसरे किसान ने कहा की सीओ साहब भी मिले हुए हैं इसलिए कोई कार्यवाई नही करते हैं.अब हमलोग पुनः इस विवाद से डीएम साहब को अवगत कराएँगे.
एक तरफ बिहार सरकार जहाँ ताल पोखर,आहर-नाहर को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अभियान चला रही है वहीँ दूसरी तरफ अतिक्रमण चिन्हित होने के बाद भी अंचलाधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं.
करगहर से विकास कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट