रेलवे के कारण किसानों पर आई आफ़त
शिवसागर प्रखंड क्षेत्र के किरहिंदी गाँव के ग्रामीणों ने रेलवे पुल निर्माण कार्य में लगी कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से अपने ज़मीनों को बचाने की गुहार लगाई है।किरहिंदी गांव से सटे रेलवे द्वारा पूल निर्माण किया जा रहा है।उक्त पूल निर्माण कार्य एस ए बी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा किया जा रहा है।
कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर(परियोजना प्रबंधक) को लिखे गए आवेदन पत्र में ग्रामीणों ने कहा है कि पूल निर्माण कार्य के दौरान खुदाई की गई मिट्टी से पानी निकास बंद हो गया है।निर्माण कम्पनी द्वारा अलग अलग रास्ते भी बनाये गए हैं,जिसमें पानी निकास के लिए नाला नहीं बनाया गया है।परिणामतः अब किसानों के लगभग 200 एकड़ ज़मीन में जलजमाव हो गया है।खेतो से पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है।
धान रोपनी का समय आ गया है।अगर ऐसे में पानी निकासी की व्यवस्था रेलवे पूल निर्माण कम्पनी द्वारा नहीं किया गया तो किसानों के खेत मे रोपनी नहीं हो पाएगी।
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किसानों द्वारा दिया गया आवेदन |
किसानों ने अपने आवेदन में कहा है कि रेलवे द्वारा कुछ जमीनें अधिग्रहित भी की गई हैं, जिसमें बिना पानी निकासी के व्यवस्था के ही कार्य किया जा रहा है।इस निर्माण कार्य से पूर्व किसानों से बात नहीं किया गया है।
किसानों ने आवेदन में चार पाँच सुझाव भी अपने तरफ से रेल पुल निर्माण कम्पनी को दिया है,और बताया है कि अगर इनमें से किसी सुझाव पर कार्य हुआ तो हमलोंग की जमीन बंजर रहने से बच जाएगी।अगर ऐसा नहीं हुआ तो रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी।
किसानों की समस्या गंभीर है,इसपर रेल प्रशासन सहित निर्माण कम्पनी को त्वरित कार्यवाही कर समाधान निकालने की जरूरत है।लेकिन किसानों की बात को कितना ततपरता से लिया जा रहा है,यह देखने वाली बात होगी।
उक्त आवेदन पत्र में लगभग सवा सौ किसानों के हस्ताक्षर हैं।जिनमें राजेश चन्द्रवंशी,रामाश्रय सिंह,जनार्दन यादव,मुनिराम तिवारी,विनायक तिवारी, दिनेश तिवारी इत्यादि शामिल हैं।